जलपाईगुड़ी , नागराकाटा : पिछ्ले 13 अगस्त 2021 शुक्रवार के दिन से अपने हक और अधिकार की लड़ाई लड़ रहा है एक श्रमिक। घटना है उत्तर बंगाल डुवर्स क्षेत्र के नागराकाटा चाय बगान का जहाँ एक आदिवासी बगान श्रमिक जिसका नाम है टोडरमल खालखो है। टोडरमल खालखो 13 अगस्त के दिन से ही चाय बगान फैक्ट्री के बाहर धरने पर बैठा है। इसकी खबर मिलते ही डुवर्स तक की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुँची और टोडरमल खालखो से बात किया। आखिरकार 6 सालो से बंद बागराकोट चाय बागान खुल गया । चाय श्रमिक टोडरमल खालखो का कहना है कि "जब बगान प्रबंधक और किसी अन्य श्रमिक के बीच लड़ाई हो रही थी तब मै झगड़े को मिटाने के लिए उनके बीच गया था लेकिन बगान प्रबंधक ने सारा इल्जाम मुझपर थोप दिया और मेरे ऊपर केश दर्ज किया गया साथ ही मुझको पिछ्ले 8 महीने से चार्जशीट पर बिठाया गया था। फिर अचानक से कुछ दिनो पहले प्रबंधक की ओर से मुझे बुलाया गया और उन्होंने कहा कि तुम्हे काम से बर्खास्त कर दिया गया है और साथ ही बगान के तरफ दिया गया घर अब खाली करना पड़ेगा।" साथ ही टोडरमल ने यह भी कहा कि जिस घर मे मेरे बाप दादाओ ने अपनी जिन्दगी गु...
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती को मंजूरी दे दी West Bengal: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए केद्रीय बलों की तैनाती को मंजूरी दे दी। नामांकन दाखिल करने के दौरान हिंसा की रिपोर्ट के बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य के सात संवेदनशील जिलों में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया था, जिसके बाद यह फैसला आया। सुप्रीम कोर्ट का फैसला पश्चिम बंगाल सरकार के लिए बड़ा झटका है, जिसने दलील दी थी कि केंद्रीय बलों की तैनाती जरूरी नहीं है. राज्य सरकार ने यह भी कहा था कि वह अपने दम पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में सक्षम होगी। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि पंचायत चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती आवश्यक थी। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार का स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में विफल रहने का इतिहास रहा है और केंद्रीय बलों की तैनाती ही यह सुनिश्चित करने का एकमात्र तरीका है कि पंचायत चुनाव हिंसा से प्रभावित न हों। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पश्चिम बंगाल में वि...